A Secret Weapon For Shiv chaisa

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

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लिङ्गाष्टकम्

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

तज्ञमज्ञान – shiv chalisa in hindi पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।

It truly is believed that regular chanting of Shiva Chalisa with utmost devotion has the facility to remove many of the obstructions and challenges more info from 1’s daily life.

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